हाल ही में सिडनी स्वीनी की "स्लीज़ी अमेरिकन ईगल" विज्ञापन ने ब्रांड्स को ऐसा कौल करने पर मजबूर कर दिया है कि जैसे वे अपने देशभक्ति के जज़्बे को नकारने वाले नहीं हैं। शायद ब्रांड्स को पता है कि जब आपको "पैट्रियोटिक ब्रांडिंग" का नाम दिया जाता है, तो इसका मतलब है कि आपको अपने ग्राहकों को एक ऐसा संदेश देना है जो उनके दिलों में देशभक्ति की लहर पैदा करे – भले ही वह लहर असल में एक चसका या स्लीज़ी वाइब हो।
आखिर, क्या हमें सिडनी स्वीनी की तरह शीर्ष पर बने रहने के लिए किसी भी सस्ता तरीका नहीं अपनाना चाहिए? जब आप अपने विज्ञापन में "स्लीज़" और "पैट्रियोटिज़्म" का एक ऐसा मिश्रण पेश करते हैं, तो आप बस वही कर रहे होते हैं जो बाकी सभी कर रहे हैं: लोगों को भ्रमित करना। और हाँ, यह एक नई कला है।
ब्रांड्स का यह "क्लैप बैक" सिर्फ एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक सीधा संकेत है कि वे इस "स्लीज़ी" प्रवृत्ति को अपने उपयोगकर्ताओं के सामने लाने से पीछे नहीं हटेंगे। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि "पैट्रियोटिक ब्रांडिंग" का यह तरीका सिर्फ एक मार्केटिंग चाल है। हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ हर कोई एक-दूसरे पर कटाक्ष करने में लगा हुआ है, और सिडनी स्वीनी की इस विज्ञापन ने जैसे एक नई बहस शुरू कर दी है।
क्या हमें यह मान लेना चाहिए कि "स्लीज़" और "पैट्रियोटिज़्म" अब एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं? शायद यही है इस दौर का नया फैशन। लेकिन क्या हम यह नहीं समझते कि यह सिर्फ एक दिखावा है? असल में, अगर आप अपने प्रचार में "पैट्रियोटिक" छवि बनाना चाहते हैं, तो आपको अपने कंटेंट को थोड़ा सा दिलचस्प और प्रामाणिक बनाना होगा।
इस समय, जब ब्रांड्स सिडनी स्वीनी के विज्ञापन को लेकर इतने संवेदनशील हो गए हैं, तो शायद हमें अपने विचारों को भी थोड़ा सा "स्लीज़" करने की जरूरत है। अंततः, क्या यह सिर्फ एक और "ट्रेंड" नहीं है जिसे हम सभी अपने सोशल मीडिया पर साझा करेंगे, ताकि हम भी इस प्रवृत्ति का हिस्सा बन सकें?
तो चलिए, हम सब एक साथ मिलकर इस "स्लीज़ी अमेरिकन ईगल" के जश्न में शामिल होते हैं, और देखते हैं कि कौन सा ब्रांड हमें अगली बार और भी ज़्यादा चौंका सकता है।
#सिडनीस्वीनी #ब्रांडिंग #पैट्रियोटिज़्म #मार्केटिंग #विज्ञापन
आखिर, क्या हमें सिडनी स्वीनी की तरह शीर्ष पर बने रहने के लिए किसी भी सस्ता तरीका नहीं अपनाना चाहिए? जब आप अपने विज्ञापन में "स्लीज़" और "पैट्रियोटिज़्म" का एक ऐसा मिश्रण पेश करते हैं, तो आप बस वही कर रहे होते हैं जो बाकी सभी कर रहे हैं: लोगों को भ्रमित करना। और हाँ, यह एक नई कला है।
ब्रांड्स का यह "क्लैप बैक" सिर्फ एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक सीधा संकेत है कि वे इस "स्लीज़ी" प्रवृत्ति को अपने उपयोगकर्ताओं के सामने लाने से पीछे नहीं हटेंगे। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि "पैट्रियोटिक ब्रांडिंग" का यह तरीका सिर्फ एक मार्केटिंग चाल है। हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ हर कोई एक-दूसरे पर कटाक्ष करने में लगा हुआ है, और सिडनी स्वीनी की इस विज्ञापन ने जैसे एक नई बहस शुरू कर दी है।
क्या हमें यह मान लेना चाहिए कि "स्लीज़" और "पैट्रियोटिज़्म" अब एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं? शायद यही है इस दौर का नया फैशन। लेकिन क्या हम यह नहीं समझते कि यह सिर्फ एक दिखावा है? असल में, अगर आप अपने प्रचार में "पैट्रियोटिक" छवि बनाना चाहते हैं, तो आपको अपने कंटेंट को थोड़ा सा दिलचस्प और प्रामाणिक बनाना होगा।
इस समय, जब ब्रांड्स सिडनी स्वीनी के विज्ञापन को लेकर इतने संवेदनशील हो गए हैं, तो शायद हमें अपने विचारों को भी थोड़ा सा "स्लीज़" करने की जरूरत है। अंततः, क्या यह सिर्फ एक और "ट्रेंड" नहीं है जिसे हम सभी अपने सोशल मीडिया पर साझा करेंगे, ताकि हम भी इस प्रवृत्ति का हिस्सा बन सकें?
तो चलिए, हम सब एक साथ मिलकर इस "स्लीज़ी अमेरिकन ईगल" के जश्न में शामिल होते हैं, और देखते हैं कि कौन सा ब्रांड हमें अगली बार और भी ज़्यादा चौंका सकता है।
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हाल ही में सिडनी स्वीनी की "स्लीज़ी अमेरिकन ईगल" विज्ञापन ने ब्रांड्स को ऐसा कौल करने पर मजबूर कर दिया है कि जैसे वे अपने देशभक्ति के जज़्बे को नकारने वाले नहीं हैं। शायद ब्रांड्स को पता है कि जब आपको "पैट्रियोटिक ब्रांडिंग" का नाम दिया जाता है, तो इसका मतलब है कि आपको अपने ग्राहकों को एक ऐसा संदेश देना है जो उनके दिलों में देशभक्ति की लहर पैदा करे – भले ही वह लहर असल में एक चसका या स्लीज़ी वाइब हो।
आखिर, क्या हमें सिडनी स्वीनी की तरह शीर्ष पर बने रहने के लिए किसी भी सस्ता तरीका नहीं अपनाना चाहिए? जब आप अपने विज्ञापन में "स्लीज़" और "पैट्रियोटिज़्म" का एक ऐसा मिश्रण पेश करते हैं, तो आप बस वही कर रहे होते हैं जो बाकी सभी कर रहे हैं: लोगों को भ्रमित करना। और हाँ, यह एक नई कला है।
ब्रांड्स का यह "क्लैप बैक" सिर्फ एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक सीधा संकेत है कि वे इस "स्लीज़ी" प्रवृत्ति को अपने उपयोगकर्ताओं के सामने लाने से पीछे नहीं हटेंगे। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि "पैट्रियोटिक ब्रांडिंग" का यह तरीका सिर्फ एक मार्केटिंग चाल है। हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ हर कोई एक-दूसरे पर कटाक्ष करने में लगा हुआ है, और सिडनी स्वीनी की इस विज्ञापन ने जैसे एक नई बहस शुरू कर दी है।
क्या हमें यह मान लेना चाहिए कि "स्लीज़" और "पैट्रियोटिज़्म" अब एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं? शायद यही है इस दौर का नया फैशन। लेकिन क्या हम यह नहीं समझते कि यह सिर्फ एक दिखावा है? असल में, अगर आप अपने प्रचार में "पैट्रियोटिक" छवि बनाना चाहते हैं, तो आपको अपने कंटेंट को थोड़ा सा दिलचस्प और प्रामाणिक बनाना होगा।
इस समय, जब ब्रांड्स सिडनी स्वीनी के विज्ञापन को लेकर इतने संवेदनशील हो गए हैं, तो शायद हमें अपने विचारों को भी थोड़ा सा "स्लीज़" करने की जरूरत है। अंततः, क्या यह सिर्फ एक और "ट्रेंड" नहीं है जिसे हम सभी अपने सोशल मीडिया पर साझा करेंगे, ताकि हम भी इस प्रवृत्ति का हिस्सा बन सकें?
तो चलिए, हम सब एक साथ मिलकर इस "स्लीज़ी अमेरिकन ईगल" के जश्न में शामिल होते हैं, और देखते हैं कि कौन सा ब्रांड हमें अगली बार और भी ज़्यादा चौंका सकता है।
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