जब मुझे पता चला कि मेरे GPU का फैन एक अनहोनी चीख के साथ बिदक रहा है, तो मुझे लगा कि जैसे मेरी दुनिया में अचानक अंधेरा छा गया। यह सन्नाटा, यह अकेलापन, जैसे कोई मेरा पास नहीं है। हर दिन, मैं अपने कंप्यूटर के सामने बैठता हूँ, और उस अनियंत्रित शोर ने मुझे अकेलेपन का एहसास कराया। मुझे लगा कि क्या मुझे एक नए फैन के लिए पैसे खर्च करने चाहिए, या फिर मैं खुद कुछ करूँ, एक हैकर की तरह।
आखिरकार, मैंने दूसरा रास्ता चुना। जैसे [ashafq] ने किया, मैंने भी अपनी मेहनत से उस फैन को ठीक करने की ठानी। लेकिन हर कोशिश के साथ, मुझे सिर्फ निराशा ही मिली। मैं अपनी हार महसूस करता गया। क्या तकनीक ने मुझे बचाने के लिए कुछ किया? क्या यह मेरा अकेलापन ही था, जो मेरे फैन को भी परेशान कर रहा था?
जितना मैं उस ATTiny GPU फैन कंट्रोलर के साथ खेलने की कोशिश करता, उतना ही मुझे यह एहसास होता कि यह सिर्फ एक तकनीकी समस्या नहीं है। यह उस खोखलेपन का प्रतीक है जो मेरे जीवन में समाया हुआ है। जब सब कुछ गलत होता है, तो यह एक अदृश्य जंजीर बन जाती है, जो मुझे और भी ज्यादा बांधती जाती है। मैं सोचता हूँ कि क्या कभी कोई ऐसा आएगा जो मेरी मदद करे, या क्या मैं हमेशा अकेला ही रहूँगा?
इन पलों में, जब मैं उस फैन को ठीक करने की कोशिश करता हूँ, तब मुझे अपने अंदर की खामोशी सुनाई देती है। ये तकनीक, ये उपकरण, ये सब कुछ मुझे मेरे अकेलेपन की याद दिलाते हैं। किसी भी चीज का कोई मतलब नहीं रह जाता जब मैं खुद को इस गहरे अंधेरे में पाता हूँ। क्या मैं हमेशा इसी तरह अपने आप से लड़ता रहूँगा, या एक दिन कोई मुझे समझेगा?
मैंने महसूस किया है कि अकेलापन कभी-कभी बहुत भारी होता है। यह एक ऐसा बोझ है जिसे हम अक्सर छुपाते हैं, लेकिन यह हमें अंदर ही अंदर खा जाता है। क्या हम कभी इस बोझ से मुक्त हो पाएंगे? क्या हमें कभी अपनी आवाज मिल पाएगी? जैसे एक GPU फैन का शोर हमें जगाता है, क्या कोई आवाज हमें हमारी खामोशी से बाहर निकाल सकेगी?
#अकेलापन #दुख #तकनीक #GPU #फैन
आखिरकार, मैंने दूसरा रास्ता चुना। जैसे [ashafq] ने किया, मैंने भी अपनी मेहनत से उस फैन को ठीक करने की ठानी। लेकिन हर कोशिश के साथ, मुझे सिर्फ निराशा ही मिली। मैं अपनी हार महसूस करता गया। क्या तकनीक ने मुझे बचाने के लिए कुछ किया? क्या यह मेरा अकेलापन ही था, जो मेरे फैन को भी परेशान कर रहा था?
जितना मैं उस ATTiny GPU फैन कंट्रोलर के साथ खेलने की कोशिश करता, उतना ही मुझे यह एहसास होता कि यह सिर्फ एक तकनीकी समस्या नहीं है। यह उस खोखलेपन का प्रतीक है जो मेरे जीवन में समाया हुआ है। जब सब कुछ गलत होता है, तो यह एक अदृश्य जंजीर बन जाती है, जो मुझे और भी ज्यादा बांधती जाती है। मैं सोचता हूँ कि क्या कभी कोई ऐसा आएगा जो मेरी मदद करे, या क्या मैं हमेशा अकेला ही रहूँगा?
इन पलों में, जब मैं उस फैन को ठीक करने की कोशिश करता हूँ, तब मुझे अपने अंदर की खामोशी सुनाई देती है। ये तकनीक, ये उपकरण, ये सब कुछ मुझे मेरे अकेलेपन की याद दिलाते हैं। किसी भी चीज का कोई मतलब नहीं रह जाता जब मैं खुद को इस गहरे अंधेरे में पाता हूँ। क्या मैं हमेशा इसी तरह अपने आप से लड़ता रहूँगा, या एक दिन कोई मुझे समझेगा?
मैंने महसूस किया है कि अकेलापन कभी-कभी बहुत भारी होता है। यह एक ऐसा बोझ है जिसे हम अक्सर छुपाते हैं, लेकिन यह हमें अंदर ही अंदर खा जाता है। क्या हम कभी इस बोझ से मुक्त हो पाएंगे? क्या हमें कभी अपनी आवाज मिल पाएगी? जैसे एक GPU फैन का शोर हमें जगाता है, क्या कोई आवाज हमें हमारी खामोशी से बाहर निकाल सकेगी?
#अकेलापन #दुख #तकनीक #GPU #फैन
जब मुझे पता चला कि मेरे GPU का फैन एक अनहोनी चीख के साथ बिदक रहा है, तो मुझे लगा कि जैसे मेरी दुनिया में अचानक अंधेरा छा गया। यह सन्नाटा, यह अकेलापन, जैसे कोई मेरा पास नहीं है। हर दिन, मैं अपने कंप्यूटर के सामने बैठता हूँ, और उस अनियंत्रित शोर ने मुझे अकेलेपन का एहसास कराया। मुझे लगा कि क्या मुझे एक नए फैन के लिए पैसे खर्च करने चाहिए, या फिर मैं खुद कुछ करूँ, एक हैकर की तरह।
आखिरकार, मैंने दूसरा रास्ता चुना। जैसे [ashafq] ने किया, मैंने भी अपनी मेहनत से उस फैन को ठीक करने की ठानी। लेकिन हर कोशिश के साथ, मुझे सिर्फ निराशा ही मिली। मैं अपनी हार महसूस करता गया। क्या तकनीक ने मुझे बचाने के लिए कुछ किया? क्या यह मेरा अकेलापन ही था, जो मेरे फैन को भी परेशान कर रहा था?
जितना मैं उस ATTiny GPU फैन कंट्रोलर के साथ खेलने की कोशिश करता, उतना ही मुझे यह एहसास होता कि यह सिर्फ एक तकनीकी समस्या नहीं है। यह उस खोखलेपन का प्रतीक है जो मेरे जीवन में समाया हुआ है। जब सब कुछ गलत होता है, तो यह एक अदृश्य जंजीर बन जाती है, जो मुझे और भी ज्यादा बांधती जाती है। मैं सोचता हूँ कि क्या कभी कोई ऐसा आएगा जो मेरी मदद करे, या क्या मैं हमेशा अकेला ही रहूँगा?
इन पलों में, जब मैं उस फैन को ठीक करने की कोशिश करता हूँ, तब मुझे अपने अंदर की खामोशी सुनाई देती है। ये तकनीक, ये उपकरण, ये सब कुछ मुझे मेरे अकेलेपन की याद दिलाते हैं। किसी भी चीज का कोई मतलब नहीं रह जाता जब मैं खुद को इस गहरे अंधेरे में पाता हूँ। क्या मैं हमेशा इसी तरह अपने आप से लड़ता रहूँगा, या एक दिन कोई मुझे समझेगा?
मैंने महसूस किया है कि अकेलापन कभी-कभी बहुत भारी होता है। यह एक ऐसा बोझ है जिसे हम अक्सर छुपाते हैं, लेकिन यह हमें अंदर ही अंदर खा जाता है। क्या हम कभी इस बोझ से मुक्त हो पाएंगे? क्या हमें कभी अपनी आवाज मिल पाएगी? जैसे एक GPU फैन का शोर हमें जगाता है, क्या कोई आवाज हमें हमारी खामोशी से बाहर निकाल सकेगी?
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